राजरानी-तनुज की भिडंत में कौन करेगा बाराबंकी फतह
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटा लोकसभा क्षेत्र बाराबंकी जो कि हमेशा से समाजवादियों का गढ़ रहा है बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र इस दफा लोकसभा चुनाव में दिलचस्प जंग का गवाह बन गया है. यहां अपने—अपने समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशियों की नजर रावत,कुर्मी, मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गयी है. समाजवाद के प्रणेताओं में शुमार किये जाने वाले रामसेवक यादव की कर्मभूमि बाराबंकी में वर्ष 1957 से लेकर ज्यादातर वक्त तक समाजवादियों का ही दबदबा रहा है बाराबंकी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीट है. इस सीट पर रावत बिरादरी की संख्या सबसे ज्यादा बताई जाती है. दावा है कि यह करीब 12 फीसदी लोग हैं जो रावत बिरादरी के हैं. इसी वजह से पार्टी कोई भी हो, प्रत्याशी रावत समाज से ही होता है. समाजवादी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर इसी समाज के उम्मीदवार के साथ चुनावी मैदान में उतरती हैं!
11 बार रावत समाज से सांसद
बाराबंकी में 47 साल के राजनीतिक इतिहास में 11 बार रावत समाज से सांसद बने हैं. यानी सन् 1977 से शुरू हुआ ये सिलसिला अभी भी जारी है. हालांकि साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर पीएल पुनिया सांसद बने थे. वह गौतम बिरादरी से आते हैं. लेकिन साल 2014 के बाद फिर रावत समाज से ही सांसद चुने गए. साल 2014 में प्रियंका सिंह रावत ने जीत दर्ज की. इसके बाद बीजेपी के ही उपेंद्र सिंह रावत साल 2019 में सांसद बने. बीजेपी ने फिर उन्हें ही प्रत्याशी बनाया था. साल 2019 के चुनाव में सपा-बसपा अलायंस के प्रत्याशी रामसागर रावत नंबर 2 और कांग्रेस के टिकट पर तनुज पुनिया तीसरे नंबर पर थे.बा
बाराबंकी सीट पर अब तक कौन-कौन रहा सांसद?
सन् 1952 से 57 तक कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना,साल 1957 से साल 1971 तक राम सेवक यादव, साल 1971 से साल 1977 तक कांग्रेस के रुद्र प्रताप सिंह, साल 1977 से सन् 1984 तक रामकिंकर रावत, साल 1984 से साल 1989 तक कमला प्रसाद रावत, साल 1989 से साल 1998 तक राम सागर रावत, साल 1998 से साल 1999 तक बैजनाथ रावत, साल 1999 से साल 2004 तक रामसागर रावत , साल 2004 से साल 2009 कमला प्रसाद रावत, साल 2009 से साल 2014 तक पीएल पुनिया , साल 2014 से साल 2019 तक प्रियंका सिंह रावत और साल 2019 से साल 2024 तक उपेंद्र सिंह रावत एमपी रहे !
विधानसभा सीटों का गणित
मूलतः बाराबंकी जिले में विधानसभा की 6 सीटें हैं किंतु लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जिले की पांच विधानसभा हैं जिले की दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र लोकसभा अयोध्या निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
बाराबंकी सदर से सपा के धर्मराज सिंह उर्फ सुरेश यादव, जैदपुर विधानसभा से सपा के गौरव रावत, रामनगर विधानसभा से फरीद महफूज़ किदवई तथा हैदरगढ़ से भाजपा के दिनेश रावत कुर्सी से भाजपा के ही साकेंद्र प्रताप वर्मा मौजूदा विधायक हैं !
राजरानी और तनुज होंगे आमने-सामने
सूबे की राजधानी से सटे बाराबंकी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद उनका एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद में अपना नाम वापस ले लिया है जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी अगली लिस्ट में उनके स्थान पर जिला पंचायत अध्यक्ष व नेत्री राजरानी रावत को तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से बाराबंकी की सीट कांग्रेस के खाते में गई जिसकी ओर से कांग्रेस के कद्दावर नेता और 2009 से 14 तक बाराबंकी की लोकसभा का संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया को दिया है !
क्या तनुज पर भारी पड़ेगा रावत फैक्टर
बाराबंकी का सियासी इतिहास कुछ मायनों में बहुत दिलचस्प और अलग किस्म का नजर आता है इस लोकसभा सीट पर आपातकाल के बाद से साल 1977 से लेकर अब तक रावत समाज से आने वाले नेताओं को ही प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है इस दरमियान वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीएल पुनिया महज़ एक अपवाद है उनको छोड़ दें तो 1977 से लेकर आज तक कोई भी गैर रावत समाज से आने वाला नेता बाराबंकी का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया है या यूं कहें तो वहां की जनता ने उसको संसद भेजने का कार्य नहीं किया है, ऐसे में तनुज पुनिया के लिए एक चुनौती है कि वह साल 2009 में पीएल पुनिया की तरह करिश्मा कर पाएंगे या फिर यह रवायत बरकरार रहेगी !
सियासी जानकार बताते हैं कि बाराबंकी लोकसभा सीट पर इस बार रवायत बदलने के आसार इसलिए भी नजर आ रहे हैं क्योंकि जिले के खाटी समाजवादी नेता और पूर्व सांसद रामसागर रावत पूर्व विधायक राम मगन रावत व जिले के अन्य कई रावत समाज के बड़े नेता तनुज पुनिया के साथ कदमताल कर जन समर्थन मांग रहे हैं !
सियासी रुझान
मौजूदा समय में बाराबंकी की आब-ओ-हवा में सियासी प्रदूषण चरम पर है लोकसभा के अंतर्गत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्र में तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी का तो वहीं शेष दो सीटों पर भाजपा काबिज है ऐसे में समाजवादी पार्टी के साथ इंडिया गठबंधन के प्रमुख सहयोगी जल कांग्रेस की जिला और विभिन्न विधानसभाओं की इकाई भी अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए जनता के बीच में है तो वहीं बीते लगभग एक दशक से केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता आत्मविश्वास से लबालब भरी दिखाई दे रही हैं जिला मुख्यालय से सुदूर स्थित विभिन्न विधानसभा में जनसंपर्क कर अपने-अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए आतुर हैं!
जिले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कांग्रेसी नेताओं के साथ संयुक्त सभाओं में भाग लेकर जनता से इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं !
इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की एकजुटता और समन्वय कांग्रेस के साथ अच्छा देखने को मिल रहा है किंतु इस समन्वय को तनुज आम जनमानस के विश्वास के रूप में हासिल कर पाएंगे या नहीं ?
एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के जिले के प्रथम पंक्ति के नेता अरविंद सिंह गोप और रामसागर रावत सहित अन्य बड़े नेता भी तनुज पुनिया के लिए समर्थन माँग रहे हैं तो वही भाजपा की जिला इकाई सहित तमाज दिग्गज भी अपने प्रत्याशी के लिए बाराबंकी के सियासी समर में हैं!