दिल्ली के शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। के. कविता ने इसमें अपने 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाओं का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने 4 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा था और आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जज कावेरी बावेजा ने उनकी याचिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
बेटे की परीक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट से लगाई थी गुहार
कविता ने अपने 16 वर्षीय बेटे की परीक्षा का हवाला देते हुए ही कोर्ट से अंतरिम जमानत दिए जाने की मांग की थी। बीआरएस नेता के वकील ने दलील पेश की. कि अप्रैल में कविता के बेटे की परीक्षाएं हैं। ऐसे में मां के सपोर्ट के बिना बेटे के लिए परीक्षाएं देना मुश्किल होता है। एक मां की कमी को परिवार में भाई, पिता या अन्य कोई भी सदस्य कभी पूरी नही कर सकता। ऐसी स्थिति में कविता को जमानत जरूर दी जानी चाहिए।
ईडी ने कहा- अकेला नहीं कविता का बेटा
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस दलील का विरोध किया और अपनी दलील देते हुए वकील जोहेब हुसैन ने दावा किया की कविता इस केस की मुख्य आरोपी है तथा इस मामले में इन्होंने सबूत नष्ट किया और गवाहों को प्रभावित किया है। ईडी के वकील ने कहा, कि जांच एजेंसी अब इस केस में सफलता हासिल करने के कगार पर पहुँच चुकी है तथा ऐसे में कविता को अंतरिम जमानत मिलने से जांच प्रक्रिया बाधित होगी।
उन्होंने कहा कि कविता के बेटे की कुछ परीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं तथा कुछ परीक्षा ही बची है। और वह अकेला नही है, क्योंकि उसके साथ उसके घर पर पिता और बड़ा भाई है। व इस मामले पर विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने इन दलीलों को सुनने के बाद कविता की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह उन्हें अंतरिम जमानत देने का उचित समय नहीं है।