:: BSP सुप्रीमो मायावती के चुप्पी का क्या मतलब है ? ::
बीएसपी सुप्रीमो मायावती किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर रही है, कुछ ऐसे ही हालात स्वामी प्रसाद मौर्य एवं सलीम शेरवानी के भी हैं लेकिन बात करें (BSP) बहुजन समाज पार्टी की तो उसका वोट शेयर लगातार गिरने के बावजूद भी लगभग 12 प्रतिशत रहा है पिछले चुनाव में, जो किसी भी सीट पर हार जीत के लिए निर्णायक वोट प्रतिशत हो सकता है, किसान सत्ता सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार कोशिश कर रही हैं कि मायावती को मनाया जाए चाहे इसके लिए गठबंधन की तरफ से उनको प्रधानमंत्री पद का कीमती ऑफर ही क्यों ना देना पड़े!
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मायावती क्यों अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं, उनको इससे क्या हासिल होने वाला है, एक वक्त अपने सोशल इंजीनियरिंग के लिए बेहतरीन रणनीतिकार मानी जाने वाली मायावती के चुप्पी का क्या मतलब, आचार संहिता लागू होने में जब महज कुछ दिन बचे हैं ऐसी स्थिति में मायावती की तैयारी न के बराबर है, दानिश अली, अफजाल अंसारी, सहित बहुजन समाज पार्टी के तमाम नेता दूसरे दलों में अपना विकल्प तलाश रहे है, ऐसी परिस्थिति मे क्या मायावती अपने लोकसभा की एक सीट भी बचा पाएंगी कि नहीं यह बहुत बड़ा सवाल है, मायावती की चुप्पी और अकेले लड़ना निश्चित तौर पर NDA के लिए फायदेमंद है, कहीं मायावती की पार्टी वोट कटवा पार्टी तो नहीं बन कर रह जाएगी !