जिसका एक एक दाना किसी दवा से कम नहीं ऐसा औषधीय गुण रखने वाला मक्के की एक खास प्रजाति है जिसकी बहुत ज्यादा डिमांड है Chhindwara Corn (काला मक्का) के डिमांड की मुख्य वजह भुट्टे के दानों में विटामिन बी और फोलिक एसिड पाया जाता है, जो आपके बालों को बेहतर करने के साथ ही इन्हें सफेद होने से रोकता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर की मदद से आपको कब्ज की परेशानी भी नहीं होती है। इसके अलावा इस अनाज के सेवन से आप अपने स्वाद को बिगाड़े बिना ही अपना ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: अब बंजर भूमि भी होगी उपजाऊ
मक्के की इस प्रजाति में आयरन, कॉपर और जिंक की मात्रा अधिक है जो स्वास्थ वर्धक है यही वजह है की सेलिब्रिटी न्यूट्रीनिस्ट इसको खाने की सलाह देते है , देसी मक्के की तुलना में किसान को इसमें ज्यादा मुनाफा है। आम मक्के की तुलना में इसका भाव बहुत ज्यादा मिलता है यही वजह है की छिंदवाड़ा मंडी से इसको बाकि जगह भी भेजा जा रहा है।
कैसे करे Chhindwara Corn ( काला मक्का ) की खेती
काले मक्के (Chhindwara Corn) की खेती के लिए प्रति एकड़ 8 किलो बीज लगाकर किसान 26 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं। वर्षा आधारित क्षेत्र खासकर पठारी क्षेत्रों के लिए यह बेहद उपयुक्त है, अच्छे उत्पादन के लिए कतार से कतार की दूरी 60 से 75 सेमी रखे। काले मक्के की सबसे ज्यादा खेती उड़ीसा में होती है।
अमूमन हर साल मई-जून महीने में (रज संक्रांति के बाद) इसे लगाया जाता है। कार्तिक महीने में इसकी फसल काटी जाती है। आम तौर पर इसकी खेती उसी तरह से की जाती है जैसे पीले मक्के की। बारिश के पानी से ही इसकी सिंचाई हो जाती है। खीर बनाकर खाया जाने वाला यह मक्का बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में बेहद लाभदायक है। किसानो का मानना है की सरकार की तरफ से किसी भी तरह की मदद न मिलने से वो काले मक्के (Chhindwara Corn) की खेती बड़े पैमाने पर नहीं कर पा रहे है।
Chhindwara Corn ( काला मक्का ) की खेती किसानो के लिए फायदेमंद – Tweet This?