उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन गई थी अमेठी, जहां स्मृति ईरानी (Smriti Irani) भाजपा की प्रत्याशी थी वही कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी चयन में हो रही देरी से पूरे देश की निगाहें अमेठी पर टिकी हुई थी, सूत्र, अनुमान, जितने मुंह उतनी बातों का दौरा चरम पर था।
कोई कह रहा था राहुल लड़ेंगे कोई कह रहा था प्रियंका लड़ेंगी, किसी ने कहां की ऊंचाहार के राजा अजय पाल सिंह लड़ेंगे लेकिन फाइनली सस्पेंस समाप्त हुआ और वहा से सोनिया गांधी के पर्सनल सेक्रेटरी रहे के एल शर्मा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया।
स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के लिए किशोरी लाल शर्मा को क्यों चुना गया?
कांग्रेस ने ऐसा क्यों किया इसके पीछे एक बड़ी वजह, स्मृति ईरानी (Smriti Irani) से उस अपमान का बदला लेना था । पुरानी कहावत है कि अहंकार आपके बर्बादी के सारे रास्ते खोल देता है,
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2022, भरी संसद में स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने सोनिया गांधी पर तीखे हमले किए, उस वक़्त स्मृति ईरानी भाषा की मर्यादा भूल गई थी और उनके इस व्यवहार से सोनिया गांधी असहज हो गई थी।
स्मृति शायद उस वक्त भूल गई थी कि वह उनका किसी फिल्म / सीरियल का सेट नहीं, प्रियंका गाँधी ने इस पूरे घटनाक्रम को बहुत सीरियसली लिया था और यही से स्मृति की हार की पटकथा लिखी गई । स्मृति ईरानी (Smriti Irani) शायद यह भूल गई की अमेठी, रायबरेली के लोग गाँधी परिवार की ऐसी बेज्जती बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ऐसा माना जा रहा है की राहुल प्रियंका ने जानबूझकर स्मृति के घमंड को तोड़ने के लिए खुद चुनाव ना लड़कर अपने कार्यकर्ता को आगे कर दिया, उस वक्त सभी लोग सोच रहे थे कि राहुल गांधी ने ऐसा क्यों किया वह अमेठी से आराम से चुनाव जीत जाते फिर भी उन्होंने भाजपा को यह मौका क्यों दिया की वह उन्हें भगोड़ा बोलकर अपना प्रचार प्रसार कर सके।
लेकिन कांग्रेस के इस निर्णय से उसे पूरे प्रदेश में फायदा हुआ जहाँ अमेठी की बहस को तवज्जो नहीं मिल पाया और राहुल गांधी कांग्रेस की सभी सीटों पर भी अच्छे से प्रचार कर पाए । इस बार स्मृति को हराने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ने ले रखी थी, और उन्होंने अपने किशोरी अंकल को जीताने के लिए पूरी ताकत लगा दी ।
माना जा रहा था कि किशोरी लाल शर्मा स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के आगे कमजोर पड़ जायेंगे लेकिन उन्होंने स्मृति को एक बड़े अंतर से हराकर स्मृति का राजनीतिक करियर ही समाप्त कर दिया, स्मृति ने जिस तरह के अहंकार का प्रदर्शन किया वह कही से एक जिम्मेदार प्रतिनिधि को शोभा नहीं देता, और अमेठी वालों ने सोनिया गांधी के अपमान का बदला अपने वोट की ताकत से दिया ।
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