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सातवें चरण (Seventh Phase) में 57 सीटों पर हो रहे चुनाव

Seventh Phase – पूर्वांचल की तेरह सीटों पर मतदान 1 जून को

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में 6 चरणों की वोटिंग हो चुकी है। 1 जून को सातवें चरण (Seventh Phase) की वोटिंग होनी है। सातवे चरण (Seventh Phase) में सबसे ज्यादा सीटें पूर्वांचल की हैं। पूर्वांचल के एक छोर यानि वाराणसी से पीएम मोदी सांसद हैं तो दूसरे छोर गोरखपुर को बतौर सीएम योगी ने संभाल रखा है। लेकिन इन इलाकों की कुछ ऐसी सीटें हैं जिनपर बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

पूर्वांचल की सियासी धार, किसका होगा बेड़ा पार

यूपी की आखिरी 13 सीटें पूर्वांचल की हैं, जहां पर बीजेपी सहित विपक्ष ने पूरी ताकत झोंक रखी है। लेकिन ये राउंड भी बीजेपी का माना जा रहा है। किंतु इस सातवें (Seventh Phase) और आखिरी चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है वहा पर बहुत सारे सियासी दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

वाराणसी से पीएम मोदी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, घोसी से इंडिया गडबंधन से सपा के राजीव राय, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, मिर्जापुर से अपना दल(एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल, गोरखपुर से भाजपा के रवि किशन, वाराणसी से इंडिया गडबंधन से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई अन्य लोग शामिल हैं।

इसी बीच यूपी के घोषी से पीएम मोदी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा,” मैं पूर्वांचल घोसी के लोगों को इंडी गडबंधन की बहुत बड़ी साजिश से सतर्क करने आया हूं । सपा कांग्रेस का इंडी गठबंधन सभी जातियों को आपस में लड़ा रहा है।”

सातवे चरण (Seventh Phase) में यूपी की इन तेरह सीटों पर वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण (Seventh Phase) में 13 सीटो पर चुनाव होने हैं। ये सीटें बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, और देवरिया हैं।

घोसी में घमासान

पिछले लोकसभा चुनाव में घोसी सीट पर बसपा के अतुल राय 1,42,568 वोटो के अंतर से जीते थे, लेकिन इस बार सपा और बसपा दोनो ने ही मजबूत उमीदवार उतारे है। सपा से राजीव राय तो बसपा से बालकृष्ण चौहान चुनावी मैदान में है। एनडीए ने यहाँ से एसबीएसपी के अरविंद राजभर को उतारा है।

घोसी को ओबीसी और मुस्लिमो की प्रभाव वाली सीट माना जाता है यहां पर ओबीसी की संख्या 7 लाख 80 हजार है, ब्राह्मण राजपूत की संख्या 2 लाख 60 हजार, दलितों की संख्या 5 लाख तथा मुस्लिमो की संख्या 3 लाख 50 हजार है। घोसी की चुनावी लड़ाई गडबंधन के उम्मीदवार राजीव राय और एनडीए के अरविंद राजभर के बीच सीधी प्रतीत होती है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई है।

मुख्तार के बिना अफजल का पहला चुनाव

गाजीपुर सीट पूर्वांचल की एक ऐसी लोकसभा सीट है जहा पर बाहुबली मुख्तार अंसारी का रसूख लंबे समय से कायम रहा है किंतु विभिन्न अपराधों में संलिप्त होने की वजह से जेल में था जिसकी गत महीने पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई। साल 2019 में सपा बसपा गड़बंधन के प्रत्याशी अफजल अंसारी यहां से विजई हुए थे, उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता और वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को 1लाख 19 हजार मतों से मात दी थी।

अफजल अंसारी इस बार सपा के टिकट पर इंडिया गडबंधन के उम्मीदवार हैं तो वही भाजपा ने अध्यापक की छवि और आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले पारसनाथ राय पर दाव लगाया है। गाजीपुर का मुकाबला पिछली बार की तरह ही इस बार भी दिलचस्प हो गया है।

महेंद्र नाथ पांडेय लगा पाएंगे हैट्रिक?

पूर्वांचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी हुई लोकसभा चंदौली से डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय बीते दो बार से विजयश्री हासिल कर चुके हैं। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर डॉक्टर पांडेय पर भरोसा जताया हैं तो वही सपा से वीरेंद्र सिंह और बीएसपी से सत्येंद्र कुमार चुनावी मैदान में उतर रहे है।

चंदौली ओबीसी बाहुल्य सीट है। यह पर ओबीसी की संख्या 4 लाख 40 हजार , ब्राह्मणों की संख्या 2 लाख 30 हजार, दलितों की संख्या 2 लाख 60 हजार तथा मुस्लिमो की संख्या 1लाख है। ऐसे जातीय समीकरण में अब देखना होगा कि डाक्टर महेंद्र नाथ पांडेय इस सीट से हैट्रिक लगा पाते है या फिर यहां से इंडिया गडबंधन उनको रोक पाता है।

 

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