Sonam Wangchuk (सोनम वांगचुक) का कहना है कि भूख हड़ताल का खत्म होना मौजूदा आंदोलन के नए चरण की शुरुआत है।
सोनम वांगचुक ने की भूख हड़ताल खत्म
सोनम वांगचुक ने लद्दाख वासियों के उत्थान के लिए 21 दिन से चल रहे आंदोलन को समाप्त कर दिया है। लेकिन ये बात भी कह दी की ये आंदोलन की समाप्ति नहीं, मैं लौटकर आऊंगा और ये संघर्ष यूँ ही जारी रहेगा, मैं केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं हूँ लेकिन लद्दाख जैसे क्षेत्र की अनदेखी ठीक नहीं।
वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के साथ साथ इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे।
वांगचुक ने साफ़ शब्दों में राजनीती में जाने से मना कर दिया, लेकिन यह भी कहा की अब समय आ गया है कि देश को प्रेरित किया जाए।
अपनी आवाज व्यक्त की जाए और सरकार से कहा जाए कि वह अपने वादों को पूरा करने और यह साबित करने के लिए कि उनकी गारंटी सच में काम करती है इसे साबित करे या यह सब कुछ सिर्फ एक दिखावा है, एक जुमला है।
वांगचुक प्रकृति और मानव के बिच समन्वय स्थापित करने के लिए लगातार प्रशिक्षण शिविर लगाते रहते है, उनके पास हज़ारो लोगो का समर्थन प्राप्त है, बहुत सारे संगठन उनको समर्थन दे रहे है।
अभी हाल ही में राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने भी सोनम वांगचुक के आंदोलन में लद्दाख पहुंचकर अपना समर्थन दिया था।
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 21 दिन लंबी भूख हड़ताल खत्म की – Tweet This?