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अमिताभ बच्चन की ज़िंदगी सवारने वाला वो कौन था जिसको अंतिम समय में देखने भी नहीं गए बिग बी

एक समय ऐसा था जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को केवल रिजेक्शन मिल रहा था, कोई उनकी आवाज़ तो कोई उनकी लम्बाई को लेकर उनका मज़ाक उड़ाते थे कोई भी उनको काम देने को तैयार नहीं था। अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी 1969 में आयी थी जो असफल रही।

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अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की ज़िंदगी सवारने वाला वो कौन था?

इसके बाद अमिताभ की दर्जनों फिल्मे फ्लाफ रही अब ऐसा माना जा रहा था की अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का करियर अब समाप्त हो जायेगा लेकिन तभी उनकी ज़िंदगी में गॉड फादर बनकर आये महमूद। महमूद के भाई अनवर राजीव गाँधी के दोस्त थे और उस वक़्त राजीव गाँधी, अनवर, और अमिताभ में गहरी दोस्ती थी।

एक बार ऐसा हुआ की रात को ये तीनो दोस्त महमूद के पास पहुंचे उस वक़्त महमूद ने शराब पी रखी थी महमूद को राजीव गाँधी का मासूम चेहरा बहुत पसंद आया और उन्होंने नशे की हालत में कहा की ये मेरे फिल्म का हीरो है परसो इसे ऑफिस ले आओ।

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Rajiv Gandhi

जब अनवर ने राजीव से दोबारा महमूद का परिचय करवाया और बताया कि ये प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे हैं तो महमूद को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्हें एहसास हो गया की नशे की हालत में उन्होंने बड़ी गलती कर दी है।

आप समझ सकते है की उस वक़्त इंदिरा गाँधी के बेटे से ऐसे बात करने की हिम्मत कौन कर सकता है। फिर महमूद ने अपनी गलती सुधारी और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को कहा की तुम मेरी फिल्म में लीड रोल करोगे, फिर अमिताभ सोलो हीरो फिल्म में काम करने का मौका मिला।

ये फिल्म थी रामनाथन निर्देशित इस फिल्म को प्रोडूस किया था महमूद और रमेश सिप्पी ने महमूद के कहने पर ही रामनाथन ने अमिताभ को कास्ट किया था। इस फिल्म के दौरान महमूद ने अमिताभ को आश्रय दिया जब तक फिल्म की शूटिंग चली अमिताभ महमूद के घर पर अनवर के साथ रहे, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की यह पहली फिल्म थी जो सुपरहिट हुई और यहाँ से अमिताभ की ज़िंदगी बदल गयी।

इस फिल्म में महमूद ने अमिताभ को बहुत सरे एक्टिंग के टिप्स भी दिए।

आखिर क्यों दोनों के रिश्तों में आई खटास

एक इंटरव्यू में, महमूद ने स्वीकारा था कि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) उनका काफी सम्मान करते थे, लेकिन उनकी एक हरकत ने उन्हें तोड़कर रख दिया था। उन्होंने तब कहा था, ” जब उनके पिता हरिवंश राय बच्चन गिर गए थे तो मैं उन्हें देखने अमिताभ बच्चन के घर गया “ लेकिन जब मेरी बाइपास सर्जरी हुई तो अमिताभ मुझे देखने नहीं आए।

वो जानते थे कि मैं अस्पताल में हूं इसके बावजूद उन्होंने मुझसे मुलाकात नहीं की, उन्होंने अस्पताल में मिलकर मुझसे मेरा हालचाल तक नहीं लिया। उम्मीद है कि वो किसी और के साथ ऐसा नहीं करेंगे। महमूद अमिताभ के इस व्यवहार से बहुत आहत हुए ऐसा नहीं की अमिताभ ने ये पहली बार किया हो।

अमिताभ एक बार कर्ज के बोझ में डूब गए थे, उस वक़्त अमर सिंह और सहारा के मालिक सुब्रत राय ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की बहुत मदद की थी लेकिन मरते वक़्त इन दोनों से मिलने अमिताभ नहीं आये, अमिताभ का यह व्यवहार बॉलीवुड के डिप्लोमेटिक इमेज की पुष्टि करता नज़र आता है, महमूद एक महान कलाकार थे उनके इस सेवा भाव को आज भी बॉलीवुड में सराहा जाता है।

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