कैसे पंजाब (Punjab) में इंडिया गठबंधन को होगा नुकसान?
पंजाब (Punjab) की सियासी लड़ाई इस बार अत्यंत रोचक नजर आ रही है, क्योंकि पूरे देश में इंडिया गठबंधन के साथ पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी कांग्रेस और विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ एकजुट नजर आ रही है दिल्ली, हरियाणा, गोवा, गुजरात समेत कई राज्यों में आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।
किंतु पंजाब (Punjab) में स्थिति उलट है, यहां पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी अलग-अलग चुनाव मैदान में है।
अब ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि पंजाब की इस सियासी लड़ाई में इंडिया गठबंधन को फायदा होता है या एनडीए को? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ एलाइंस में पंजाब (Punjab) में भी चुनाव लड़ती तो नतीजे और बेहतर हो सकते थे।
किंतु दोनों दल इस राज्य में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, इससे कुछ ही सही नतीजे प्रभावित होना निश्चित है दोनों दलों के अलगाव का मुख्य कारण स्थानीय इकाई के समन्वय में कमी बताई जा रही है।
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क्यूं पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं?
विदित हो कि पंजाब (Punjab) की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 117 सीटों में से 92 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से पहली बार सत्ता में आई थी और भगवंत मान राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
किंतु इस लोकसभा चुनाव में जहां अलग-अलग राज्यों में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ खड़ी है तो वहीं पंजाब में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने अमृतसर से कुलदीप सिंह धालीवाल, संगरूर से गुरमीत सिंह, भटिंडा से गुरमीत सिंह को टिकट दिया है।
ऐसे में देखना होगा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की लड़ाई में शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी को किस स्तर तक लाभ हो सकता है?
बहरहाल राजनीतिक लाभ और हानि का आकलन अभी करना जल्दबाजी होगी बेहतर आकलन 4 जून को नतीजों के साथ ही हो पाएगा, इसके लिए बने रहिये किसान सत्ता के साथ।
पंजाब में कांग्रेस-आप के चुनावी अलगाव से इंडिया गठबंधन को होगा नुकसान? – Tweet This?