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नीट के परीक्षा परिणाम विवादों में क्यों

NEET Result: नीट के परीक्षा परिणाम विवादों में क्यों?

NEET Result Update 2024: नीट National Eligibility cum Entrance Test (NEET ) की परीक्षा को लेकर पुरे देश में घमासान मचा हुआ है, इस परीक्षा को National Testing Agency (NTA) आयोजित करती है, नीट (NEET) की परीक्षा पुरे देश भर में एक साथ आयोजित की जाती है, इसमें उत्तीर्ण करने वाले स्टूडेंट्स को एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीवीएससी और एएच सीटों पर प्रवेश दिया जाता है।

इस परीक्षा के मुख्य विषय बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स होते है, कुल 720 वालो इस टेस्ट में आपका चयन कट ऑफ नंबर पर डिपेंड करता है, जैसे अगर मेरिट लिस्ट में मैक्सिमम स्कोर पाने वाला छात्र 600 नंबर पर है तो आपका चयन 590 पाने पर ही अच्छे कॉलेज में हो जायेगा लेकिन अगर यह मैक्सिमम स्कोर जिस अनुपात में बढ़ता चला जायेगा उसी अनुपात में कट ऑफ भी बढ़ता चला जायेगा

क्यों छिड़ा है NTA और स्टूडेंट्स में जंग

स्टूडेंट्स और उनके माँ बाप की नाराजगी को मुख्य वजह नीट (NEET) में मिलने वाला ग्रेस मार्क है।

क्या है ग्रेस मार्क का गणित – नीट परीक्षा (NEET Exam) में नेगेटिव मार्किंग होती है, मतलब सही सवाल पर अंक मिलते है वही गलत उत्तर पर नंबर कटते भी है, जैसे एक सही सवाल पर 4 अंक मिलते है और गलत पर एक अंक काट जाता है अगर आपने एक सवाल छोड़ दिया तो 716 मिलेंगे और एक गलत उत्तर दे दिया तो 715, मतलब अगर आपको सही जवाब नहीं पता तो उसे छोड़ दे।

ग्रेस मार्क का फंडा इतना सिंपल नहीं जितना पहले हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में हुआ करता था, उसमे यह सिस्टम बहुत सिंपल था जैसे पासिंग मार्क अगर 33 है और आपने 31 अंक अर्जित किये है तो 2 अंक ग्रेस के मिल जाते थे यहाँ ऐसा नहीं है, नीट (NEET) में ग्रेस मार्क का सिस्टम समय पर आधारित है

बहुत सारे स्टूडेंट्स ने कम्प्लेन की थी की सिस्टम की खामियों की वजह से हमारा समाय बर्बाद हुआ है जिसकी जिम्मेदारी NTA की है, एनटीए ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 5 मई 2024 को पेपर होने के बाद कुछ छात्रों ने एग्जाम में समय बर्बाद होने की शिकायत करते हुए पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की।

जिसके बाद NTA ने हाई पावर कमिटी बनाई। कमिटी ने उन सभी सेंटरों की सीसीटीवी फुटेज देखी और तमाम पहलुओं को देखने के बाद अपनी रिपोर्ट दी। कमिटी की रिपोर्ट के बाद 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। जिसके बाद इन छात्रों के मार्क्स बढ़ाये गए जिसकी वजह से बहुत सारे स्टूडेंट्स के मार्क्स 720 तक हुए हैं। यही से विवाद शुरू हुआ जब एक साथ इतने स्टूडेंट्स ने टॉप कर लिया एग्जाम को।

यह भी पढ़ें – लीक हो गया NEET का पेपर! बिहार से राजस्थान तक हंगामा, जानें NTA ने क्या कहा

ऐसा पहली बार है जब नीट परीक्षा (NEET Exam) में 67 स्टूडेंट्स ने 720 में 720 अंक प्राप्त किये है ऐसी स्थिति में आप समझ सकते है की कट ऑफ कितना हाई गया होगा मतलब पुरे नंबर लाने वाले स्टूडेंट्स को भी AIIMS जैसे कॉलेज नहीं मिलेंगे, यह मात्र एक संयोग नहीं लगता, NTA लगातार सफाई दे रहा है लेकिन अभिभावक इस बात पर अड़े है की कुछ सेंटर ने पैसे लेकर इसमें बहुत बड़ी धांधली की है।

NEET Suicide
अभिभावक का यह इल्जाम है की इस लापरवाही से हमारे बच्चे डिप्रेशन में जा रहे है, भरत पुर में एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया है। बहुत सारे अभिभावक अपने बच्चे के साल बर्बाद होने की दुहाई दे रहे है।

इसे क्या कहे की एक ही परीक्षा केंद्र से आठ-आठ टॉपर इस वजह से एनटीए के रवैये पर एक सवाल और खड़ा हो गया है, हरियाणा के झज्जर में एक ही परीक्षा केंद्र से आठ-आठ टॉपर निकल आए हैं, यह खबर सामने आने के बाद हरियाणा के जिद में एडीशनल कमिश्नर के पास कुछ अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई है और जांच की अपील की है

डॉ कृष्णा शर्मा ने इस मामले का खुलासा किया, उनका कहना है कि हैरानी की बात है कि जिस केंद्र से आठ टॉपर आए हैं उसी केंद्र के छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिया गया है, डॉ कृष्णा शर्मा का कहना है कि NTA को अधिकार ही नहीं है ग्रेस मार्क्स देने का सारी सामस्य का जड़ ग्रेस मार्क है।

राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए कहा की यह 24 लाख परिवारों के साथ धोखा है, शिक्षा माफिया सरकार के कुछ लोगो से मिलकर यह प्लान तैयार करते है, इनको रोकने  के लिए मैंने एक पायलट प्लान तैयार किया था अगर सरकार हमारी बनती तो इसे लागू किया जाता। मैं सरकार का रुख जानना चाहता हूँ इस मुद्दे पर।

Rahul Gandhi NEET
कुछ लोगो का कहना है की नीट (NEET Result) का परिणाम 14 जून को आने वाला था लेकिन इसे 4 जून को क्यों घोषित किया गया , क्या चुनाव परिणाम की आड़ में इस धांधली को छुपाने के लिए किया गया था।

वही NTA का कहना है की जब पेपर आसान होता है तो मेरिट हाई जाती है इसमें ऐसा कुछ नहीं जिस पर संदेह किया जाए, यह बिलकुल पारदर्शी है, कुछ जगह पर ऐसा हुआ था की छात्रों को पेपर पहुँचने में देरी हुई थी वहा फिर से दुबारा दूसरे सेट से परीक्षा ली गयी थी।

कुछ छात्र पेपर बहार लेकर चले गए थे इस वजह से ये अफवाह फैली की पेपर लीक हो गई है जबकि ऐसा नहीं हुआ था।

जब किसान सत्ता की टीम ने NTA के अधिकारी से सम्पर्क किया तो अधिकारी  ने बताया की ऐसा नहीं है आप अगर देंखे तो 2023 में उपस्थित होने वाले कैंडिडेट की संख्या 20,38,596 थी जबकि इस साल 2024 में उपस्थित होने वाले कैंडिडेट की संख्या 23,33,297 हो गई, कैंडिडेटों की संख्या में वृद्धि के कारण कुछ अंक प्राप्त करने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

NTA का गठन ही धांधली रोकने के लिए हुआ था

ऐसा नहीं है कि मेडिकल परीक्षा पर पहली बार सवाल उठे हैं, आज से नौ साल पहले NEET का गठन नहीं हुआ था, तब आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) हुआ करता था, उस वक़्त NTA नहीं बनी थी और इस परीक्षा का आयोजन CBSE खुद करती थी।

उस वक्त आरोप लगे थे कि इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए धांधली की गई है, सवालों के जवाब परीक्षा केंद्र पर छात्रों को भेजे गए। सुप्रीम कोर्ट ने उस साल 15 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी। तब कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर फिर से परीक्षा लेने का आदेश दिया था।

तब सरकार की तरफ से कोर्ट में यह दलील दी गई कि 44 छात्र धांधली में शामिल थे और ऐसे में 6.3 लाख छात्रों से दोबारा परीक्षा नहीं दिलवाई जा सकती। इस पर तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर एक भी छात्र गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचता है तो पूरी एक्जाम प्रक्रिया बिगड़ जाती है।

और यह बहुत बड़ी बात है सरकार ऐसे किसी भी स्टूडेंट के लाइफ से खिलवाड़ नहीं कर सकती है यह बात 2015 की है।

NEET Scam

इसी तरह की हरकतों को रोकने के लिए बाद में NTA का गठन हुआ था, लेकिन अब 2024 के नतीजों ने वैसे ही सवाल फिर खड़े कर दिए हैं और खासकर NTA के कंडक्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं।

क्या इन नतीजों और रैंकिंग को छात्र सही मानें, जो इस बार आए हैं या फिर नीट (NEET) परीक्षा फिर से कराई जाए? क्या होगा यह तो आने वाले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट के रुख से पता चलेगा, लेकिन NEET की इस विवादित परीक्षा पर अब सियासतदान भी कूद गए हैं।

वैसे यह राजनीती का विषय नहीं लेकिन नीट (NEET) पर लग रहा सवालियां निशान बहुत सारे परिवारों के लिए दुःख भरी खबर लेकर आया है। बहुत सारे परिवार सदमे में है अब देखना यह है की क्या सरकार इस पर कोई कदम उठाती है की नहीं।

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