होमसमाचारयोगी के 'गढ़' गोरखपुर में फंसेगी भाजपा ?

योगी के ‘गढ़’ गोरखपुर में फंसेगी भाजपा ?

योगी के ‘गढ़’ गोरखपुर (Gorakhpur) में फंसेगी भाजपा ?

लोकसभा चुनाव 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है चुनाव का सातवां और आखिरी चरण 1 जून को है आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है।

इन 13 सीटों में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की एक हॉट सीट गोरखपुर (Gorakhpur) भी शामिल है गोरखपुर इसलिए हॉट सीट मानी जाती है, क्योंकि यहां पर गोरक्षनाथ मठ का दबदबा काफी लंबे समय से कायम रहा है यहां पर गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ जी महाराज समेत सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार यहां से सांसद रहे हैं।

अभिनेता vs अभिनेत्री की जंग, कौन मारेगा बाजी?

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इस लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अभिनेता रवि किशन को इस सीट से मौका दिया और रवि किशन आज भी यहां से सांसद हैं और लोकसभा चुनाव 2024 के प्रत्याशियों की सूची में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके ऊपर फिर से भरोसा कर उनको पुनः इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।

तो वहीं इंडिया गठबंधन ने समाजवादी पार्टी की फायरब्रांड नेत्री व भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को प्रत्याशी बनाया है, पूर्वांचल की राजनीति का एक मजबूत अखाड़ा गोरखपुर (Gorakhpur) काफी लंबे समय से माना जाता रहा है और यहां की राजनीतिक धुरी गोरक्षनाथ मठ रहा है।

2024 चुनाव में इस सीट से चुनकर दिल्ली में गोरखपुर (Gorakhpur) का प्रतिनिधित्व कौन करेगा इसकी पड़ताल के लिए जब हमने राजनीतिक विश्लेषकों से बात की तो लोगों ने बताया कि गोरखनाथ मठ का दबदबा आज भी कायम है किंतु लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विभिन्न विधानसभाओं में इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार काजल निषाद की मुस्तैदी और मौजूदा सत्ता की कमियों को गिनाकर लगातार अस्वस्थ होने के बाद भी जनता के बीच में जाकर एक प्रकार से सहानुभूति वोट लेने का भी प्रयास कर रही हैं।

तो वहीं भाजपा प्रत्याशी रवि किशन योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मठ के सहारे नैया पार लगाने की फिराक में हैं जहां तक सवाल है बहुजन समाज पार्टी का, बहुजन समाज पार्टी ने भी इस सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट उतार कर एक बार फिर से सपा के एमवाई समीकरण में विभाजन की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने का बखूबी प्रयास किया है।

गोरखपुर सीट से एक तरफ भाजपा प्रत्याशी रवि किशन जहां मौजूदा सांसद हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद भी पार्टी और शीर्ष नेतृत्व की करीबी हैं क्योंकि गत विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कैंपियरगंज विधानसभा से पार्टी ने उनको उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह हार गई थी।

उसके बाद निकाय चुनाव में पार्टी द्वारा उनको महापौर का प्रत्याशी बनाया गया फिर भी वह असफल रही। अब लोकसभा चुनाव के समय में समाजवादी पार्टी ने एक बार उनको फिर से मौका दिया है। गोरखपुर की इस सीट की वोटिंग में कौन विजई होता है यह तो 4 जून को नतीजों के साथ ही स्पष्ट हो पायेगा।

योगी के ‘गढ़’ गोरखपुर (Gorakhpur) में फंसेगी भाजपा? – Tweet This?

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -
Sidebar banner

Most Popular

Recent Comments