:: लोकसभा चुनाव 2024 ::
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) में लोकसभा आम चुनाव की डुगडुगी बच चुकी है मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 16 मार्च को लोकसभा आम चुनाव की तारीखों का ऐलान किया !इस दौरान उन्होंने बताया कि देश में लोकसभा चुनाव सात चरणों में संपादित होंगे आगे उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे !
देश के विभिन्न राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होंगे !
इस दौरान सभी की नजरे देश के सबसे बड़े सूबे Uttar Pradesh पर टिकी हुई है क्योंकि कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है !
यूपी की सियासत में बीते 7 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है उत्तर प्रदेश में बीते चार चुनाव में (लोकसभा चुनाव 2014 विधानसभा चुनाव 2017 लोकसभा चुनाव 2019 विधानसभा चुनाव 2022 में) अप्रत्याशित प्रदर्शन करने वाली भारतीय जनता पार्टी आत्मविश्वास से ओतप्रोत है तो वही प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में समाजवादी पार्टी जो की उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही है अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए आतुर है !
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य दल शामिल हैं ऐसे में केन्द्र और राज्य दोनों में काबिज बीजेपी अपने द्वारा किए गए कार्यों को बताकर पुनः सत्ता वापसी के लिए आस्वस्त नजर आ रही है तो वही इंडिया गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश में पीडीए का नारा बुलंद करते हुए भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने की बात कर रहे हैं !
जहां तक सवाल है राष्ट्रीय लोक दल का जो अब तक इंडिया गठबंधन का हिस्सा था विगत दिनों देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के पश्चात एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो जाने के कारण समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर जाट लैंड में अपनी पैठ को एनडीए के पाले में शिफ्ट करने के लिए तैयार हैं तो वही अभी तक बतौर विपक्षी नेता सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर भी सत्ताधारी बीजेपी को अपने बयानों से हाशिए पर लिए रहते थे, किंतु अब वह भी उत्तर प्रदेश सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री एनडीए का हिस्सा हैं !
राजभर की बात करें तो पूर्वांचल की एक सीट घोसी जो की एनडीए गठबंधन की तरफ से उनको मिली हुई है जिस पर उनके पुत्र अरविंद राजभर घोसी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं!
तो निषाद पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद भी पिछड़ों के रहनुमा बनकर यह कहते हुए पाए जा रहे हैं कि पिछड़ों,अति पिछड़ों का हित भारतीय जनता पार्टी व एनडीए गठबंधन में ही है!
पूर्वांचल की एक पट्टी को साधने के लिए जहाँ भारतीय जनता पार्टी ने दारा सिंह चौहान को भी पार्टी में शामिल कर कर विधानसभा चुनाव में पराजय के पश्चात विधान परिषद के रास्ते मंत्रिमंडल में स्थान दिया है तो वहीं पश्चिमी उत्तर को साधने के लिए साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा को तथा आरएलडी कोटे से अनिल कुमार को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया है !
तो वहीं इंडिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी द्वारा भी कांग्रेस पार्टी को 17 सीटें देकर तथा तृणमूल कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की वाहिद भदोही सीट देकर अपने सहयोगी दलों के मध्य निरंतर समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जा रही है !
विगत दिनों ही राज्यसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के विधायकों की क्रॉस वोटिंग को लेकर जिस प्रकार की सियासी नूराकुश्ती हुई उससे अब समाजवादी पार्टी गठबंधन किसी भी प्रकार के रिस्क मोड में नहीं जाना चाहती है!
विदित हो कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के द्वारा अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के कोटे से भदोही सीट तृणमूल कांग्रेस को दिए जाने के निर्णय पर भी राजनीतिक जानकार आश्चर्यचकित हैं !
बहरहाल उत्तर प्रदेश की सियासी उठापटक के बीच प्रदेश में आगामी दिनों में सियासी स्थिति क्या होगी और देश के सबसे बड़े सूबे में नतीजे किसके पक्ष में आते हैं यह तो भविष्य के गर्भ में है!