आचार्य Pramod Krishnam का बयान
सोमवार को पूर्व कांग्रेस नेता Acharya Pramod Krishnam ने दावा किया कि राहुल गांधी ने योजना बनाई थी कि अगर कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है तो वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट देंगे।
Pramod Krishnam ने मीडिया से कहा की, “मैंने 32 साल से अधिक समय तक कांग्रेस में काम किया है। जब राम मंदिर का फैसला सुनाया गया था, तो राहुल गांधी ने एक बैठक में अपने करीबी सहयोगियों से कहा था कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है और सरकार बनाती है, तो राम मंदिर के फैसले को पलटने के लिए एक महाशक्ति आयोग की स्थापना की जाएगी, ठीक उसी तरह जैसे राजीव गांधी ने शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था।”
आपको यह बता दे कि शाह बानो इंदौर में जन्मी एक मुस्लिम महिला थी जिसने 1985 में सुप्रीम कोर्ट में अपना केस जीता था। तलाक के बाद, उसने अपने पति से गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक अधिनियम के तहत इस फैसले को पलट दिया था।
पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य Pramod Krishnam ने आगे कहा कि, राहुल गांधी ने यह विचार अमेरिका में रहने वाले अपने एक शुभचिंतक की सलाह और संकेत पर रखा था। यह इशारा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की ओर था। जब अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर थीं, तब पित्रोदा ने पवित्रता समारोह और भव्य उद्घाटन में प्रधानमंत्री की भागीदारी को लेकर हो रही चर्चा पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था।
पित्रोदा ने कहा था की, “मुझे किसी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि धर्म को राजनीति से न जोड़ें। पंडित नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री ने राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल नहीं किया। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप इसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग भाजपा को वोट देते हैं, 60 फीसदी लोग भाजपा को वोट नहीं देते। वह सबके प्रधानमंत्री हैं, सिर्फ़ भाजपा के नहीं और भारत के लोग यही चाहते हैं कि प्रधानमंत्री यह संदेश दें।”
पित्रोदा ने सवाल करते हुए कहा था कि, “भारतीय लोगों को यह तय करना होगा कि असली चिंताएँ क्या हैं, क्या राम मंदिर असली समस्या है? या बेरोज़गारी की समस्या असली है? कौन सी समस्या ज़्यादा है- महंगाई या राम मंदिर? दिल्ली का वायु प्रदूषण असली मुद्दा है या राम मंदिर असली मुद्दा है?”
वहीं कुछ दिन पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम (Pramod Krishnam) ने अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी और इस फैसले को ‘हिंदू विरोधी’ बताया था, जिसके कुछ दिनों बाद, कांग्रेस ने उन्हें ‘अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के लिए पार्टी से निकाल दिया।