अस्थमा (Asthma) सांसों से संबंधित एक बीमारी है जो लंग्स में इन्फेक्शन की वजह से होती है, आज वर्ल्ड अस्थमा डे के अवसर पर हम आपको बताते हैं की अस्थमा क्या है और यह कैसे ट्रिगर होता है और इससे बचाव के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए ।
सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि दमा (Asthma) कैसे होता है
अस्थमा (Asthma) का मुख्य कारण एलर्जी है, जब हमारी फेफड़ों के सांस नलिकाओं में सूजन आ जाता है तो इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है, चुकी यह बीमारी परिस्थितिजनक होती है इसलिए इसको विभिन्न कैटेगरी में बांटा गया है जैसे पेरेन्नियल अस्थमा, सीजनल अस्थमा, एलर्जी अस्थमा, नॉन एलर्जी अस्थमा, ऑक्यूपेशनल अस्थमा।
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जैसे किसी व्यक्ति को किसी चीज से एलर्जी होती है जैसे की धूल, धुआं तो इसे एलर्जी अस्थमा कहते है, कभी-कभी किसी व्यक्ति को बहुत अधिक तनाव में भी इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है इस नोन एलर्जी अस्थमा कहते है, कभी-कभी किसी व्यक्ति को किसी विशेष सीजन में मे इस तरह की समस्या होती है जिसे सीजनल अस्थमा (Asthma) कहते हैं, कई बार कारखाने में काम करने वाले लोगों को इस तरह की समस्या होती है उसे ऑक्यूपेशनल अस्थमा कहते हैं।
अस्थमा में एक बात और महत्वपूर्ण होती है, वह है अनुवांशिकता अगर परिवार में किसी व्यक्ति को अस्थमा है तो फिर दूसरे सदस्यों को होने की संभावना बढ़ जाती है, वायु प्रदूषण, धूम्रपान, के साथ-साथ लगातार धुएं के संपर्क में रहने से भी अस्थमा ट्रिगर हो सकता है
कैसे करें पता
अस्थमा (Asthma) एक तरह से फेफड़ों से संबंधित बीमारी है इसकी पुष्टि के लिए पीक फ्लो मीटर नामक उपकरण से इसकी जाँच की जाती है, इसके साथ ही स्पायरोमेट्री टेस्ट से फेफड़ों के कार्य क्षमता का टेस्ट किया जाता है । कई बार किसी और बीमारी की वजह से भी सांस लेने में दिक्कत होती है जैसे की किडनी, हार्ट या एंग्जायटी में भी इस तरह की स्थिति सामने आती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही किसी तरह का मेडिसिन लेना शुरू करें क्योंकि अस्थमा के केस में यह जानना जरूरी होता है किया लक्षण किस वजह से हैं
कब पता चलता है
जब आपके शरीर में इस तरह के लक्षण दिखे तो यह अस्थमा हो सकता है
- सांस लेने में दिक्कत होना
- सांसों में घरघराहट की आवाज आना, बहुत ज्यादा खांसी आना, सीने में जकड़न के साथ-साथ बेचैनी होना
कैसे करें बचाव
अस्थमा से बचाव के लिए डॉक्टर आपको कंट्रोलर इनहेलर लेने की सलाह देते हैं, अस्थमा का दौरा पड़ने पर इनहेलर का उपयोग किया जाता है कभी कभी स्थिति ज्यादा नाजुक होने पर रिलीवर इनहेलर का कुछ-कुछ अंतराल के बाद लेने की सलाह भी डॉक्टर देते है ।
अस्थमा (Asthma) के रोगियों को अपने डाइट में ब्रोकली, जामुन, केला, पत्तेदार साग के साथ-साथ खरबूजे को शामिल करना चाहिए, अस्थमा के मरीजों के लिए मैग्नीशियम काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए अनार और टमाटर का जूस भी ले । अदरक की चटनी, अदरक की गरम चाय भी सांस की नालियों को फायदा पहुंचता है, अस्थमा के रोगियों को दही खाने से बचना चाहिए और आइसक्रीम से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए इसके साथ-साथ ही अपने वजन का भी ख्याल रखें, अधिक वजन अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है
World Asthma Day : अस्थमा के रोगी कैसे रखे अपना ख्याल – Tweet This?