Lucknow के किसान की बेटी ने किया नाम रौशन
Lucknow: आम तौर पर आज कल युवा पढाई पूरी करने के बाद ज्यादा सैलरी वाले जॉब ढूंढते है, लेकिन इसके ठीक विपरीत लखनऊ की अनुष्का ने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद Lucknow वापस आकर खेती करने की ठानी। सुनने में ये बिलकुल अजीब है लेकिन अनुष्का के इस निर्णय की चर्चा उत्तर प्रदेश में जोरो पर है। Lucknow की मोहनलालगंज तहसील में अनुष्का का खेत और पॉलीहाउस (Polyhouse) तीन एकड़ में फैला हुआ है।
अनुष्का को जब हेल्थ इशू हुए तो उन्होंने खुद के लिए गार्डनिंग शुरू की ( किसान सत्ता हमेशा किचन गार्डनिंग की बात करता है और उसके फायदे भी बताता है) । अनुष्का गार्डनिंग करते करते इसमें इतना रम गयी की उन्होंने तय किया कि वह सामान्य तरीके से खेती नहीं करेंगी बल्कि आधुनिक तरीके से खेती करेंगी किसानी में ही अपना करियर बनाने का निर्णय लिया।
Lucknow की अनुष्का ने प्रोटेक्टिव फार्मिंग का तरीका अपनाया, यानी ऐसे पौधों को तैयार करना जिसमें उनको मौसम की मार से बचाया जा सके, नतीजा ये हुआ कि पहले ही साल से लाल-पीली शिमला मिर्च की 35 टन खेती हुई । अनुष्का कहती है की धरती में आप कुछ भी लगाएंगे तो धरती आपको निराश नहीं करेगी ।
लड़की होकर खेती कैसे करेगी
जब अनुष्का ने इस क्षेत्र को चुना तो लोगों का कहना था कि कोई भी मुनाफा नहीं होगा, घाटे का सौदा है , लड़की होकर खेती कैसे करेगी। धूप में कैसे काम करेगी, मजदूरों के साथ समन्वय कैसे स्थापित करेगी, दिल्ली से पढ़कर आयी है गाँव का माहौल कैसे समझेगी, तमाम तरह की बातें लोगों ने कहीं, इन सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सिर्फ 4 साल में ही 22 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमा लिया
पारिवारिक पृष्ठभूमि किसानी की नहीं
अनुष्का के परिवार में सभी लोग पढ़े लिखे हैं भाई पायलट है, बहन वकील है, भाभी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, पिता अपना व्यापार करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं ऐसी परिस्थिति में अनुष्का का यह कदम काबिले तारीफ है,
अनुष्का अपनी खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल करती है और सब्जी की बहुत सारी वैरायटी के साथ शिमला मिर्च की बड़े पैमाने पर खेती करती है ।
अनुष्का ने देश की बेटियों के लिए एक नयी परिभाषा गढ़ दी है, सफलता का मतलब क्या होता है इस किसान बेटी ने उसको नए तरीके से परिभाषित किया है । बेटी को किसान सत्ता परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाये।