आज कल एक चलन बहुत हावी है और वो है देर से शादी (Marriage) करने की इसके पीछे की वजह देखी जाये तो युवाओं का मानना है की शादी के पहले सेटल होना जरुरी है, अच्छी जिंदगी जीने के लिए संसाधन का होना बहुत जरुरी है, दूसरी एक वजह है जो युवाओं को भ्रमित करती है की बच्चे देर से होंगे तो हमे मौका मिलेगा अपने करियर पर फोकस करने का।
आज हम आपको बताते है की सही समय पर शादी (Marriage) होना कितना जरुरी है
शादी (Marriage) की सही उम्र
इंडिया में लड़कियों की शादी (Marriage) की न्यूनतम उम्र 18 साल है और लड़को की न्यूनतम उम्र 21 है।
अब आईये आपको बताते है की शादी की सही उम्र में करने के फायदे
अपने साथी को समझने का वक़्त मिलता है
हमारे शरीर की संरचना ऐसी होती है की समय के साथ उसका नष्ट होना तय है ऐसी परिस्थिति में जहा आज औसत उम्र लगभग 60 साल है, हमे यह समझना होगा की हम किस अवस्था में क्या करे। जब आप सही समय पर शादी (Marriage) करते है तो अपने पार्टनर के साथ ज्यादा वक़्त बिता पाते है, एक दूसरे को समझ पाते है , एक दूसरी की अच्छाई बुराई सभी पहलुओं को जान पाते है इतना ही नहीं पसंद नापसंद को भी समझने का पूरा अवसर मिलता है।
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परिवार को समझने का मौका
हमारे देश की ताक़त संयुक्त परिवार है इसलिए सही उम्र में जो लोग शादी (Marriage) करते हैं उनको अपने पार्टनर के साथ साथ उससे जुड़े लोग सास ससुर, चाचा , चाची सहित बाकि रिस्तेदारो से घुलने मिलने का वक़्त मिलता है।
सही समय पर बच्चे हो जाते है
समय से शादी का सबसे बड़ा एडवांटेज ये होता है की आपके बच्चे समय से हो जाते है जिससे उनको अपने दादा-दादी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता है और वह अपने संस्कार और संस्कृति को अच्छे से समझ पाते है जिसका उनको ताउम्र फायदा मिलता है, इतना ही नहीं माँ बाप को बच्चो को ज्यादा समय भी मिल जाता है क्योकि बच्चे नाना नानी दादा दादी के साथ ज्यादा वक़्त बिताते है, तो आपको करियर में सेटल होने का मौका मिल जाता है, और दूसरी बात आप अपने बच्चो को सही गाइडेंस भी दे पाते है। इतना ही नहीं बच्चे आपके सेवा निवृत्त होने से पहले सेटल हो जाते है।
बना रहता है रोमांस
कम उम्र में शादी (Marriage) करने वाले कपल्स की शादीशुदा जिंदगी काफी खुशनुमा रहती हैं। उनकी लाइफ से रोमांस जल्दी गायब नहीं होता है।
इसकी सबसे बड़ी वजह एक लम्बा समय जब साथ रहते है तो नोक झोक के साथ एक दूसरे के आदि हो जाते है जैसे शाम को साथ चाय पीना, अपने बच्चो के भविष्य की योजना बनाना मतलब आप अपने परिवार के दो मजबूत स्तम्भ बन जाते है
देर से शादी के नुकसान
झगड़े बढ़ जाते हैं- ज्यादा देर से शादी (Marriage) होने पर जिम्मेदारी और प्राथमिकताएं बदलने लग जाती हैं और कपल एक दूसरे को समझ नहीं पाते है, नतीजतन वो एक दूसरे से बात-बात में झगड़ा करते रहते हैं। दोस्त और पति/पत्नी के बिच का अंतर समझ नहीं पाते जिससे अपने पार्टनर में आपको कमिया दिखने लगती है और बहुत जल्द आप अपने को ठगा महसूस करने लगते है, और नतीजतन रोज रोज झगड़ा बढ़ जाता है।
चूँकि बच्चे ब्रिज का काम करते है जो देर से शादी होने के कारण देर से पैदा भी होते है और जब तक पैदा होते है तब तक उनके दादा दादी या तो बूढ़े हो जाते है या इस दुनिया में नहीं होते , ऐसी परिस्थिति में पति/पत्नी में शुरुवाती दिनों में बच्चे को पालने की एंग्जायटी ज्यादा बढ़ जाती है।
फिजिकल इंटीमेसी की कमी
उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे शरीर में बहुत तरह के परिवर्तन होते है जो धीरे धीरे फिजिकल इंटीमेसी में मन नहीं लगता है और पति / पत्नी के बीच झगडे की वजह बनने लगता है । वक़्त बीतने के साथ साथ शारीरिक परिवर्तन कुंठा का कारण बन जाता है
इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ जाती है
महिलाओं में 30 की उम्र के आसपास फर्टिलिटी कम होने लगती है, 35 साल की उम्र के बाद तो यह और अधिक तेजी से घटने लगती है, जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती जाती है, उसके गर्भवती होने की संभावना घटती जाती है और यही समस्या पुरुष के साथ भी होने लगती है । आज आप देखिये IVF जैसे संस्थानों की होड़ लगी हुयी है, जिनकी संख्या 90 के दौर में कम सुनाई देती थी लेकिन वर्तमान में यह समस्या आम हो गयी है। IVF में एक बड़ा अमाउंट खर्च होता है जो एक अतरिक्त बोझ बन जाता है।
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